Saturday, May 25, 2013

राजनीति का मैनेजमेंट !

दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा  है की अचानक एक दिन टी वी पर एक ऐसा मुद्दा उठता है की सारे के सारे न्यूज़ चैनल उसी मुद्दे का राग अलापने लगते हैं, और ऐसे में लोगों का ध्यान अनायास ही कांग्रेस के कुकर्मों की तरफ से हट जाता है। अब सवाल है की ऐसा स्वाभाविक रूप से होता है या फिर ये भी कांग्रेस का मैनेजमेंट है। अचानक ही आई पी एल में स्पॉट फिक्सिंग की जांच दिल्ली पुलिस को करने की अभी ही क्यों सूझी ।
फिर एक दम से मुंबई क्राइम ब्रांच भी अपने सारे धंधे छोड़ कर इसी काम के पीछे क्यों लग गई । क्या दिल्ली या मुंबई पुलिस को ये बात पिछले आई पी एल में नहीं पता थी या फिर इसके लिए किसी खास मौके या किसी (खास) के आदेश का इंतजार था  ।
दोस्तों, हर शहर में कौन कौन से अवैध धंधे कब  और कहाँ से चल रहे हैं, हर शहर की पुलिस ये बात जानती है। आप देखते रहिए कुछ दिनो बाद धीरे धीरे ये मामला शांत हो जायेगा । और सभी भाई लोग फिर से अपने अपने काम पर लगा दिये जाएंगे ।  आप देखो इस मुद्दे पर बी जे पी और कांग्रेस दोनों दलों के नेता बहुत कम और संभाल कर बोल रहे हैं।  आपको याद होगा की वर्ष 2000 में भी फिक्सिंग पर हो हल्ला मचा था। लेकिन किसी एक को भी सजा नहीं हुई।  अब भी कुछ होने वाला नहीं।
ये सारे नेता (सभी पार्टियों के) आपस में बैठ कर सब सुल्टा लेंगे। और वसूली के पैसे फिर से इन नेताओं के पास पहुचने लगेंगे। 
अगले चुनाओ में वोट  जरा संभाल के देना दोस्तों।

मिलते रहेंगे दोस्तों  !

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