नरेंद्र मोदी - नरेंद्र
मोदी - नरेंद्र मोदी !
अब तो शिव सेना भी एन दी ए के घटक दल के नाते नरेंद्र मोदी
को लेकर चिंता दिखा चुकी है। लगता है की मोदी जी भी उसी बीमारी के शिकार हो रहे
हैं जिसके शिकार राहुल गांधी सहित सारे कांग्रेसी नेता हैं। मोदी
जी ने उत्तराखंड के दौरे के बाद कहा की उन्होने 15000 गुजरातियों को आपदा से बचा
लिया। इस पर शिव सेना ने कहा की मोदी जी अब केवल गुजरात के नेता नहीं हैं, वो अब पूरे देश के नेता हैं और उन्हे अब सारे देश को साथ लेकर चलने की बात
करनी चाहिए न की सिर्फ गुजरात की। मोदी जी का पी आर ओ संभालने वाले इस बात का
ध्यान रखें कि इससे बी जे पी या नरेंद्र
मोदी को फायदे की जगह सिर्फ नुकसान ही होगा । इससे उनकी छवि निखरने की बजाए धूमिल
ही होगी।
अब ये अलग बात है कि 15000 लोगों को मोदी
जी ने किस तरह बचाया होगा।
वो भी सिर्फ 2 दिन (वो भी पूरे नहीं) और
एक रात में। वास्तव में मोदी जी के राजनीतिक प्रबंधन और मीडिया मैनेजरों की बुद्धिमत्ता पर तरस आता
है। वे ये फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि कब और किस मौके पर क्या बोलना है। मोदी जी
देश को नेत्रत्व देने की मंशा रखते हैं। पर राष्ट्रीय नेत्रत्व वाली बात कहीं नज़र
नहीं आ रही । जब देखो वे कांग्रेस और राहुल
गांधी के पीछे पड़े रहते हैं। ऐसे करके वे बेवजह कांग्रेस व राहुल गांधी का
एक प्रकार से प्रचार ही करते हैं। होना तो
ये चाहिए कि वो देश की जनता के सामने अपना विज़न रखें कि वो देश की किस प्रकार और
कैसे सेवा कर सकते हैं । राष्ट्र हित के
विभिन्न मुद्दों पर वे क्या सोचते हैं, किस प्रकार वे देश की
युवा शक्ति को रचनात्मक दिशा दे सकते हैं। हिमालयी राज्यों के विकास के बारें में
उनकी क्या सोच है। राष्ट्रीय आपदाओं से होने वाले नुकसान को किस तरह कम किया जा
सकता है।
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